गाजीपुर। विद्युत उपभोक्ता के 16 लाख रुपया क्षतिपूर्ति न देने पर लालदरवाजा स्थित बिजली विभाग के अधिक्षण अभियंता और विद्युत वितरण खंड प्रथम और मीटर विभाग के कार्यालय को कोर्ट के आदेश पर पुलिस और अमीन ने कुर्क करते हुए सीज कर दिया। मुनादी करते समय भी विभाग को समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है और जब विभाग के अधिकारियों ने कोर्ट अमीन से मामले को समझा उसके बाद एक-एक कर सभी अधिकारी कार्यालय से पलायन करने लगे। मामला 1980 का है जब बिजली विभाग ने एक उपभोक्ता का बिजली काट दिया था और उपभोक्ता ने कोर्ट की शरण लिया था। और 44 साल के बाद तीसरी पीढ़ी को 16 लाख 32 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति बिजली विभाग के द्वारा नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने विभाग के कार्यालय को एक महीने के लिए कुर्क कर दिया है। गाजीपुर के माल गोदाम रोड के रहने वाले बाबूलाल साहू जो 1980 में अपने घर पर आटा चक्की तेल पेरने का कोल्हू वह अन्य मशीन लगाए हुए थे और बिजली विभाग रात को करीब 1:00 बजे उनके घर पर पहुंचकर उनका बिजली काट दिया बिजली काट दिए जाने के बाद उपभोक्ता बाबूलाल साहू के द्वारा कोर्ट का शरण लिया गया और लगातार 1980 से लेकर अब तक मामला चलता रहा यहां तक की कोर्ट ने विभाग को कई बार नोटिस भी दिया लेकिन विभाग ने इस बारे में कोई सुध नहीं लिया वादी के द्वारा इस मामले में हाई कोर्ट की भी श्रवण ली गई और उसके पश्चात कोर्ट ने वादी के फेवर में क्षतिपूर्ति के रूप में 1980 से लेकर 1 मई 2014 तक ₹4000 प्रति माह के हिसाब से 1632000 की क्षतिपूर्ति पीड़ित को देने का आदेश दिया था लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद भी बिजली विभाग ने इस मामले पर कोई रुचि नहीं लिया तब तक हार कर कोर्ट ने 13 अगस्त को बिजली विभाग के आम घाट कार्यालय खंड 2 की निजी संपत्ति जो लाल दरवाजा स्थित है और इस संपत्ति में अधीक्षण अभियंता बिजली विभाग, बिजली विभाग खंड एक के साथ ही मीटर विभाग के अधिशासी अभियंता का विभागीय कार्यालय कार्यरत था जहां पर सैकड़ो की संख्या में कर्मचारी कार्य कर रहे थे और कोर्ट के आदेश पर कोर्ट अमिन दिलीप यादव और पुलिस बल के द्वारा सभी कार्यालय को एक-एक कर खाली कराया गया और और उसके पश्चात सभी कार्यालय में कोर्ट अमीन के द्वारा ताला लगाकर सीज किया गया और अंत में कार्यालय के मुख्य गेट पर कोर्ट अमीन और पुलिस बल के द्वारा ताला लगाकर सिजिंग की कार्रवाई पूरी की गई। बाबूलाल साहू के तीसरी पीढ़ी गणेश साहू ने बताया कि 1980 में मुकदमा दायर किया गया था और आज 44 साल के बाद बाबूलाल साहू की तीसरी पीढ़ी यानी कि मेरे द्वारा केश की पैरवी किया जाता रहा है और इसी प्रक्रिया में कोर्ट ने इस मामले में आदेश सुनाया है जिसके क्रम में न्यायालय कोर्ट अमीन और उनकी टीम के द्वारा आज एक महीने के लिए बिजली विभाग की संपत्ति को मुनादी करते हुए पूर्व करने की कार्रवाई की गई है।
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