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गाजीपुर: अपनी मांगो को लेकर मुख्‍य अभियंता से मिलें विद्युत मीटर रीडर संघ के नेता  

गाजीपुर। नई मीटर रीडर कंपनी एक्सप्रो के अधिकारी मुख्य अभियंता वितरण द्वितीय वाराणसी मुकेश गर्ग के साथ गाजीपुर पहुंचे वही गाजीपुर पहुंचकर मुख्य अभियंता और नई कंपनी के अधिकारियों ने मीटर रीडरों से वार्ता करने का प्रयास किया मगर मीटर रीडरों ने साफ-साफ शब्दों में मुख्य अभियंता वितरण मुकेश गर्ग और नई नियुक्त कंपनी एक्सप्रो के अधिकारियों से कहा कि जब तक पूर्व मीटर रीडर कंपनी स्टर्लिंग के बकाया 4 महीने का वेतन और 32 महीने का इपीएफ का पैसा हम मीटर रीडरों के खाते में नहीं आ जाता तब तक हम लोग मीटर रीडिंग के कार्य से विरत रहेंगे। जिस पर मुख्य अभियंता ने मीटर रीडरों को धमकाते हुए कहा कि यदि आप लोग काम पर वापस नहीं आएंगे तो नए लड़कों को भर्ती करके आप लोग को निकाल दिया जाएगा। जिस पर मीटर रीडरों का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ़ गया जिसमे मीटर रीडर शशि कुमार ने कहा कि अपना बकाया पैसा मांगना कहां का गुनाह है यही कड़ाई यदि पूर्व मीटर रीडर कंपनी स्टर्लिंग के फंड रिलीज करते समय दिखाई गई रहती की जब तक ईपीएफ का पैसा मीटर रीडरों के खाते में नहीं आ जाएगा तब तक पूर्व मीटर रीडर कंपनी को फंड रिलीज आपके द्वारा नहीं किया जाएगा लेकिन कमीशन के चक्कर में मीटर रीडरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया और उनका शोषण किया गया है,वही पूर्व कंपनी मेसर्स स्टर्लिंग कंपनी द्वारा मी रीडरों की गाढ़ी कमाई सब 13 करोड़ रूपया लेकर फरार हो गया लेकिन अभी तक कंपनी के विरुद्ध विभागीय प्रबंधन द्वारा प्राथमिकी नहीं दर्ज कराई गई है,क्योंकि सब मामला आपके कमिशन का है। वही विद्युत मजदूर पंचायत के जिला संरक्षक शिवदर्शन सिंह उर्फ मामा ने कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई में बकाया पैसा मांगने पर निकालने की धमकी दिए जाने की घोर निंदा करता हूं और विभागीय प्रबंधन को बताना चाहता हूं कि अगर किसी कर्मी को निकाला गया तो यह लड़ाई सड़क से लेकर हाईकोर्ट तक लड़ा जाएगा,और पूरे मामले को हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग किया जाएगा। वही जब समस्त मीटर रीडरों द्वारा मुख्य अभियंता मुकेश गर्ग से पूछा गया कि मेसर्स भारत इंटर प्राइजेज जो संविदा कर्मियों का ठेका पर कार्य करवा रही थी जो लास्ट में कमिशन बाजी करके संविदा कर्मियों का 3 माह का पैसा लेकर भाग गई उस दौरान आप लोगो के द्वारा तत्काल मेसर्स पावर ग्रीड कंपनी को लाया गया एवं भारत इंटर प्राइजेज को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया फिर भारत इंटर प्राइजेज में 3 माह का डूबा पैसा आप लोगो के द्वारा पावर ग्रीड कंपनी के थ्रू सभी संविदा कर्मियों के खाते में डलवाया गया तो उसी नियम के तहत हम लोगो का 4 माह की सैलरी और 32 माह का ईपीएफ पुरानी कंपनी स्टर्लिंग जो ब्लैकलिस्टेड हो गई है तो उसमें डूबा हुआ पैसा नई कंपनी मेसर्स एक्सप्रो कंपनी के माध्यम से क्यों नहीं दी जा रही है।वही जिला संरक्षक शिवदर्शन सिंह ने सभी मीटर रीडरों से इस लड़ाई में बलिदान हेतु तैयार रहने का भी अपील किया। आगे उन्होंने यह बताया कि जब तक पुराना बकाया का पूरा भुगतान नहीं तब तक कोई भी मीटर रीडर रीडिंग का कार्य नहीं करेगा।

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