शिवकुमार
गाजीपुर। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर विजन के क्रम में जिले के प्रतिष्ठित चिकित्सक डा. एमडी सिंह ने पर्यावरण को बचाने और विकास को गति देने के उद्देश्य से जर्मनी की जेनिथ और अहमदाबाद के अपोलो बहुराष्ट्रीय कंपनी के सहयोग से सहेड़ी में फ्लाई ऐश कंक्रीट ईंट FALSA निर्माण इकाई स्थापित किया है। डा. एमडी सिंह ने दावा किया है कि यह फ्लाई ऐश कंक्रीट ईंट पर्यावरण को बचाते हुए प्रदूषण को समाप्त करेगा और इसकी मजबूती लाल ईंट से कई गुना ज्यादे होगी। उन्होने पूर्वांचल न्यूज डाट काम को बताया कि सरकार और जिला प्रशासन के सलाह पर पावर प्लांट से निकले राख, और कंक्रीट और सीमेंट के मिक्स्चर से एमडीएल फाल्सा ईंट का निर्माण शुरु हो गया है। उन्होने बताया कि लाल ईंट के निर्माण में कोयले से निकले हुए धुएं और जमीन के कटान के चलते प्रदूषण और पर्यावरण को काफी क्षति हो रही है। इसको बचाने के लिए और पावर प्लांट से निकले राख को उपयोग में लाने के लिए केंद्र सरकार ने वैज्ञानिकों के सलाह पर इस तरह की ईंट निर्माण इकाई लगाने के लिए सहयोग कर रही है। फ्लाई ऐश कंक्रीट ईंट के निर्माण के मानक के अनुरुप निर्माण के लिए जर्मनी की बहुराष्ट्रीय कंपनी जेनिथ और अपोलो के सहयोग से सहेड़ी में प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट में भारत सरकार के निर्धारित मानक के अनुसार ईंट का निर्माण होता है। जिसकी प्रमाणिकता आईआईटी बीएचयू के लैब में होगा। MDL FALSA ईंट की गुणवत्ता को स्वयं साधने के लिए अपना खुद प्रयोगशाला स्थापित कर रही है। उन्होने कहा कि फ्लाई ऐश कंक्रीट ईंट में नमी नही पकड़ सकता है, न ही क्षरण होगा। यह पूरी तरह से दीमक प्रूफ होता है। इसमे सीलन नही लगता है। इसकी जोड़ाई में सीमेंट और बालू की 40 प्रतिशत की बचत होती है। 10.10 फीट की दिवाल बनाने में लाल ईंट की तुलना में फ्लाई ऐश कंक्रीट ईंट 125 से 150 ईंटे कम लगेंगी। इसकी कीमत अव्वल लाल ईंट के बराबर ही रहेगा। उन्होने बताया कि इस तरह के ईंटों का प्रयोग बड़े शहरों में बहुत तेजी से हो रहा है।