गाजीपुर। सुप्रसिद्ध इतिहासकार उबैदुर्रहमान सिद्दीकी ने बताया कि आज सुबह से ही मैं रामलला की तस्वीरें देख रहा हूँ। इनकी मुस्कुराहट, इनकी आँखें और इनका रूप मोहित करने वाला है। विशेषतया इनकी आँखें, मैंने आजतक किसी मूर्ति में इतनी सुंदर आँखें नहीं देखीं। ऐसी भावपूर्ण आँखें जिनमें प्रेम है,करुणा है और मुख्यता मर्यादा है। उनके पूरे अस्तित्व में मर्यादा झलक रही है। इन आँखों में इतनी गहराई है लगता है असंख्य ब्रह्मांड इनमें सुप्तावस्था में विश्राम कर रहे हैं। मूर्तिकार ने इतनी सुंदर मूर्ति बनाई है कि चिदानंद स्वरूप श्रीराम का वास्तविक रूप ही मूर्ति में उतर आया है। निश्चित ही भगवान अपने साकार रूप में कुछ-कुछ तो ऐसे ही ज़रूर दिखते होंगे। राम सर्वव्यापी हैं फिर भी जब मूर्ति स्थापित की जाती है तब प्राण प्रतिष्ठा इसलिए भी की जाती है कि अब से यह स्थान और यह मूर्ति उन्हीं के लोक को और उन्हीं की शक्ति और स्वरूप को समर्पित है। इस स्थान और इस मूर्ति में हम उन्हीं को जागृत रूप में स्वीकार कर लोक को हम भगवान के इस विशेष रूप से अवगत करवा रहे हैं। यह एक प्रकार की भगवान से आज्ञा भी है। क्या आप अपनी आज्ञा के बिना अपनी फ़ोटो या अपने सिग्नेचर का प्रयोग करने देते हैं दूसरों को….? काले पत्थर में श्री राम की सर्वप्रथम मूर्ति मैंने ओरछा में राजा राम सरकार मंदिर में देखी थी । मगर वहाँ भी इस तरह से मैं मुग्ध नहीं हुई थी , हां विस्मित ज़रूर थी कि मूर्ति काले रंग की है। मगर रामलला की ये मूर्ति उतने काले पत्थर की नहीं है जितना राजा राम सरकार में है। हम कुछ भी कह लें राम तो सत्य स्वरूप हैं। समस्त चेतन अवचेतन के प्राण राम ही हैं। राम को सिर्फ सीता माता के पति के रूप में देखना या फिर एक राजा के रूप में देखना या दशरथ के पुत्र के रुप भर में देखना ही अज्ञानता है। दशरथ के पुत्र के रूप में उनकी एक लीला का विश्लेषण हम सही ग़लत की कसौटी पर नहीं कर सकते। किस नाटक में कौन सा पात्र क्या भूमिका निभाएगा, कितनी भूमिका निभाएगा,क्या बोलेगा और क्या नहीं ये सिर्फ नाटक के रचयिता को ही ज्ञात होता है। राम अपनी भूमिका में सर्वश्रेष्ठ हैं। राम को जानने के लिए खुद को भी तो सत्य की कसौटी पर परखना होगा , हम अमृत की अभिलाषा करें और हमारा पात्र ही दूषित हो तो अमृत तो फिर हमें नहीं ही प्राप्त होगा और संयोगवश हो भी गया तो वो अमृत फिर अमृत तो नहीं ही रहेगा।
Home / ग़ाज़ीपुर / श्रीरामलला के मूर्ति की भावपूर्ण आंखें हैं जिसमे प्रेम, करुणा मर्यादा का है सागर- उबैदुर्रहमान सिद्दीकी
[smartslider3 slider="4"]
Check Also
गाजीपुर: सरकारी धान क्रय केंद्रो पर धान बेंचे किसान, मिलेगा उचित मूल्य-जिलाधिकारी
गाजीपुर। क्राप कटिंग प्रयोग के आधार पर जनपद में फसलों की औसत उपज और उत्पादन …