शिवकुमार
गाजीपुर। दलगत भावना से ऊपर उठकर राजनेता समाजसेवी और प्रबुद्धजन कौशिक सदन सैदपुर में जाकर समाजसेवी शिवशंकर सिंह को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उनके परिजनो को सात्वंना दे रहें है। 14 अक्टूबर को बिमारी के उपरांत 84 वर्षीय समाजसेवी और व्यवसायी शिवशंकर सिंह का निधन हो गया, जिनका अंतिम संस्कार सैदपुर के गंगा घाट पर किया गया। अंतिम यात्रा से लेकर आज तक जिले, पूर्वांचल और प्रदेश स्तर के मंत्री, विधायक, राजनेता और विभिन्न सामाजिक संगठनो से जुड़े हुए लोग प्रबुद्धजन कौशिक सदन सैदपुर में जाकर शिवशंकर सिंह को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर रहें है। शुक्रवार को बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम ने कौशिक सदन पहुंचे और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर परिजनो को सात्वंना दी। इसके पहले श्रद्धा-सुमन अर्पित करने वालो में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश, विधायक जैकिशन साहू, विधायक मन्नू अंसारी, विधायक प्रभुनाथ सिंह, एमएलसी विशाल सिंह चंचल, एमएलसी विनित सिंह, एमएलसी विक्रांत सिंह रिशू सहित जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधानो ने जाकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। शिवशंकर सिंह ने अपने सरल स्वभाव और कुशल रणनीति के चलते साइकिल स्टैंड से लेकर यूपी सहित पांच राज्यो में अपना व्यवसाय का परचम लहराया था। देश-प्रदेश के दिग्गज शराब व्यवसायी स्व.पौंटी चड्ढा, बद्री जायसवाल जैसे हस्ती शिवशंकर सिंह से हाथ मिलाकर व्यवसाय करने के लिए हमेशा इच्छुक रहती थी, इसी रणनीति से शिवशंकर सिंह ने गाजीपुर का नाम यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा सहित कई प्रांतो में रोशन किया। बहुत ही कम समय में ही अपनी पत्नी सुशीला सिंह और तीन बेटे अवधेश सिंह, राजेश सिंह और बब्लू सिंह को खो देने के बावजूद भी वह अपना धैर्य नही खोयें बल्कि अपनी पीड़ा को समाजसेवा में लगा दिया। उनके दरवाजे पर जो भी जरूरतमंद किसी भी राजनैतिक दल का नेता जाता था उसकी जरूर मदद करते थे, वह अपने दरवाजे से किसी को निराश नही जाने देते थे। बड़े राजनैतिक दलो में उन्हे खुला ऑफर सांसद,विधायक का चुनाव लड़ने का दिया लेकिन वह सक्रिय राजनीति से दूरी बनाये रखें और किंगमेकर की भूमिका में अपने परिवार वालो को सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, एमएलसी, ब्लाक प्रमुख बनवाकर अपने रसूख का उदाहरण पेश किया। शिवशंकर सिंह लागातार अपने पैतृक गांव अहिरौली का 40 वर्षो तक निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित होते रहें, उन्हे अपने गांव और सैदपुर से सबसे ज्यादा लगाव था।