गाजीपुर। भारत विभाजन के पूर्व संध्या पर भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि 14 अगस्त 1947 को हुए देश के विभाजन विभीषिका का दंश आज भी प्रत्येक भारतीय को व्यथित करता है ।देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता, भारत के इतिहास में बंटवारे का वह दिन काला दिवस था। जिसमें सिर्फ भारत का भौगोलिक बंटवारा ही नहीं बल्कि भूगोल के साथ-साथ समाज,, संस्कृति, सभ्यता और तो और दिलों का भी बंटवारा हो गया। जहां नफरत की आग में फैली हिंसा ने लाखों लोगों को अपने ही घरों में विस्थापित किया था। लाखों की जान चली गई, उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास का आपसी एकता, अखंडता का स्वर्णिम अध्याय उस दिन कलंकित हुआ। भानु प्रताप सिंह ने कहा कि विभाजन का दर्द और उस दौरान हुई हिंसा देश के मानस पटल पर आज भी गहराई से अंकित है। और हमें इसे याद रखने की जरूरत भी है, क्योंकि यह दिन सच्चे भारत के लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है। इस दिन हमारे लाखों भाई-बहन विस्थापित हुए जिन्हें विभाजन के दौरान यातना पूर्ण व्यवहार और हिंसा का नंग्न तांडव सहना पड़ा है ।30 दिसंबर 1906 को घोर सांप्रदायिक संगठन मुस्लिम लीग के गठन का उद्देश्य ही देश का विभाजन एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध रहा जो 1939 में व्यापक दंगा करवाया। 1940 के लाहौर मुस्लिम लीग सम्मेलन में दो राष्ट्रों के सिद्धांत का प्रतिपादन किया गया, वहां मुस्लिम लीग के नेताओं ने विभाजन की आग को हवा दी, जहां से दंगा, हत्या, लूट,आतंक और दुराचार का दौर शुरू हुआ और फूट डालो राज करो जो अंग्रेजों की मन्सा थी वह पूरी हुई। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन हो गया। अखंड राष्ट्र की खंडित हो रही स्वतंत्रता जब सामने थी इस समय देश के पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर प्रचंड नरसंहार चल रहा था। लाहौर पठानकोट, बंगाल से सामान्य, संपन्न और समृद्ध परिवार भारत में प्रवेश को बाध्य थे उन्हें प्राणों तथा मां-बहन बेटियों के मर्यादा का भय था, शरणार्थी बनने की मजबूरी थी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों तक को भूख प्यास एवं भीषण कष्ट सहन करने की त्रासदी मे पूर्वी बंगाल की 3 करोड़ 90 लाख की आबादी के 30% हिंदुओं में 50 लाख हिंदू पश्चिम बंगाल आ गए, 2 लाख हिंदुओं की हत्याएं हुई और बचे हुए हिंदुओं को नजर बंद कर जजिया कर वसूला गया।। जिला अध्यक्ष ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग का साथ दिया और कांग्रेस तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत विभाजन स्वीकार किया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी जिसमें लाखों लोग मारे गए ,डेढ़ करोड़ लोग बेघर हुए एक लाख से अधिक महिलाओं के साथ अन्याय और अत्याचार हुआ। जिलाध्यक्ष ने बताया कि आजादी के विभीषिका दिवस पर कल सोमवार को भाजपा द्वारा राज्य सभा सांसद दर्शना सिंह के उपस्थिति में पुर्वाह्न 10-30 बजे गाजीपुर लंका मैदान से सकलेनाबाद, विशेश्वरगंज, मिश्रबाजार होते महुआबाग अफीम फैक्ट्री के रास्ते कचहरी तक एक मौन जुलूस निकाला जाएगा। जहां समापन से पुर्व विचार गोष्ठी आयोजित कर विभाजन की हृदय विदारक विभीषिका से लोगों को अवगत कराया जाएगा।
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