शिवकुमार
गाजीपुर। सांसद अफजाल अंसारी को दोनों सांसदीय कार्यकाल उनके लिए अनलकी साबित हुआ। सांसद अफजाल अंसारी पहली बार 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मनेाज सिंन्हा को लगभग सवा दो लाख मतों से पराजित कर सपा के साइकिल चुनाव चिह्न पर जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 29 नवंबर 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो जाती है जिसमे मुख्तार अंसारी के साथ अफजाल अंसारी आरोपी बनाये गये। अफजाल अंसारी ने इस मामले में कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। लगभग दो साल जेल में रहने के बाद जमानत पर जेल से बाहर आ गये। दूसरी बार 2019 के लोकसभा सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर अफजाल अंसारी चुनाव लड़े जिमसे उन्होने मनोज सिन्हा को करीब सवा लाख मतों से पराजित किया और बसपा सांसद के रुप में लोकसभा पहुंचे। लेकिन अफजाल अंसारी का दुर्भाग्य उनका पीछा नही छोड़ा। संसदीय कार्यकाल के अंतिम वर्ष में उन्हे गैंगेस्टर के मुकदमे में एमपी/एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई और दूसरी बार जेल चले गये। सांसद अफजाल अंसारी पांच बार मुहम्मदाबाद से विधायक रह चुके हैं और दो बार गाजीपुर लोकसभ से सांसद निर्वाचित हुए और दोनों कार्यकाल में उन्हे जेल में जाना पड़ा।