शिवकुमार
गाजीपुर। नगरपालिका गाजीपुर में चुनाव चिह्न मिलने के बाद चुनाव प्रचार चरम पर है। राजनैतिक दल के प्रत्याशी के अलावा निर्दल प्रत्याशी भी घर-घर जाकर मतदाताओं का चरणरज ले रहे है। चुनाव प्रचार के बीच एक मुद्दा नगर में जबरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है कि शम्मी सिंह का टिकट कटने के बाद किस दल को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है, अब शम्मी सिंह की सियासत क्या होगी? ज्ञातव्य है कि 2012 में शम्मी सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था जिसमे उनको लगभग 4200 मत मिले थे। समाजवादी पार्टी को लगभग 5 हजार मत मिले थे। चुनाव हारने के बाद शम्मी सिंह ने पांच सालों तक नगरवासियों की सेवा की। लेकिन अध्यक्ष पद 2017 के चुनाव में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित हो गयी। जिसपर शम्मी सिंह की माताजी प्रेमा सिंह को समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में सपा को लगभग 13 हजार मत मिले थे और बसपा प्रत्याशी शरीफ राईनी को लगभग 12 हजार मत मिले थे। भाजपा के प्रत्याशी सरिता अग्रवाल ने यह चुनाव लगभग ढाई हजार मतों से जीत लिया। राजनीतिक रणनीतिकारों के अनुसार 2017 में नगरपालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रेमा सिंह को जो लगभग 13 हजार मत मिले थे उनमे तीन हजार यादव, दो हजार मुसलमान और आठ हजार भाजपा बाहुल्य वार्ड शास्त्रीनगर, कान्वेंट स्कूल, बड़ीबाग, रेलवे स्टेशन रोड, मालगोदाम रोड, नवापुरा, महुआबाग, रुईमंडी, नवाबगंज और सुभाष नगर के क्षेत्र से मिला था। 2023 के चुनाव में शम्मी सिंह का टिकट कटने की खबर से सबसे ज्यादा खुशी भाजपा खेमे में देखने को मिली। अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि शम्मी सिंह की सियासत अब क्या होगी। इस संदर्भ में शम्मी सिंह ने कहा कि मेरी पहचान समाजसेवा से है, मैं आगे समाजसेवा ही करूंगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी जैकिशन साहू को नगर से लगभग 24 हजार मत प्राप्त हुए थे। जिससे जैकिशन साहू विधायक निर्वाचित हुए थे। अब देखना है कि विधायक जैकिशन साहू अपने प्रत्याशी दिनेश यादव को यह आंकड़ा पार कराने में कितना कारगर साबित होते हैं।