शिवकुमार
गाजीपुर। निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही नगर पंचायत सादात में सरगर्मी तेज हो गयी है। भावी प्रत्याशी चाय-पान की दुकानों, डोर-टू-डोर जनसंपर्क शुरु कर दिये हैं। नगर में एक ही बात की चर्चा है कि अध्यक्ष पद पर लगातार भाजपा ने हैट्रिक लगायी है, भाजपा के विजयी रथ को रोकने के लिए सपा, बसपा इस बार कामयाब हो पायेगी या नहीं? 2017 के निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रमिला यादव ने मात्र 196 मतों से सपा प्रत्याशी सुमन यादव को हराया था। इस बात सामान्य हो गयी है। अब भाजपा के प्रबल दावेदारों में निवर्तमान अध्यक्ष प्रमिल यादव, शिवानंद सिंह मुन्ना, गोपाल वर्मा, जशवंत वर्मा हैं। समाजवादी पार्टी की प्रबल दावेदार सुमन यादव पत्नी रिंकू यादव हैं। नगर पंचायत सादात में कुल 10798 मतदाता हैं जिसमे 5802 पुरुष और 4996 महिला मतदाता हैं। 25 अक्तूबर 1971 को गठित सादात नगर पंचायत में लगभग 18 वर्ष तक प्रशासक रहने के बाद पहला चुनाव वर्ष 1989 में हुआ था। नगर के प्रथम चेयरमैन हरिदास वर्मा चुने गये, जिनका कार्यकाल 27 नवम्बर 1993 को समाप्त होने के बाद करीब दो साल तक टाउन एरिया सुपरसीट रही। इसके बाद जनता ने 02 दिसम्बर 1995 को श्यामनारायण भारद्वाज के रूप में अपना दूसरा चेयरमैन चुना। लगभग दो साल बाद इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर इन्हें हटा दिया गया। फलस्वरुप वार्ड संख्या पांच के तत्कालीन सभासद शिवानन्द सिंह मुन्ना करीब सात माह तक चेयरमैन की कुर्सी पर आसीन होकर नगर के चतुर्दिक विकास को गति प्रदान करने का काम किये। इसके उपरांत हुए उपचुनाव में फिर से श्यामनारायण भारद्वाज को ही जनता ने चेयरमैन चुना। इसके बाद पहली दिसम्बर वर्ष 2000 से अस्तित्व में आई तृतीय निर्वाचित कमेटी की बागडोर एक बार फिर से श्यामनारायण राजभर को ही जनता ने सौंपा। वर्ष 2006 में हुए चौथे चुनाव में भाजपा के टिकट से राजनाथ यादव विजयी हुए। इसके बाद 2012 में उनकी पत्नी प्रमिला यादव बीजेपी से ही चेयरमैन बनी और उन्होने दिसम्बर 2017 में हुए छठवें चुनाव में भी जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार चेयरमैन चुने जाने का गौरव प्राप्त किया। देखना यह है कि लम्बे समय के बाद अनारक्षित हुए सीट पर जब सभी को लड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है तो क्या बदलाव के मूड में दिख रही सादात नगर की जनता क्या किसी नये चेहरे को चुनेगी या फिर पुराने चेहरे पर ही अपना विश्वास बरकरार रखेगी।