शिवकुमार
गाजीपुर। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन से नगरपालिका गाजीपुर में निकाय चुनाव की सरगर्मी पूरे सबाब पर है। मुहल्ले के चायखानों से लेकर ड्राइंग रुम तक बस चुनाव की ही चर्चा हो रही है। चर्चा में सबसे प्रमुख बिंदू यह है कि नगरपालिका अध्यक्ष पद पर 25 वर्षों से भाजपा का कब्जा चला आ रहा है, उसके विजयी रथ को क्या समाजवादी पार्टी के विधायक जैकिशन साहू रोक पायेंगे या नही? इस प्रश्न को रानजीतिक गलियारों में तरह-तरह से लोग व्याख्या कर रहे हैं। क्योंकि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव में सीधे नगरपालिका या नगरपंचायत चुनाव की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के क्षेत्रीय विधायकों को सौंपी है। विधायक को ही प्रत्याशी का चयन करना है और चुनाव लड़ाना है। कुछ लोगों का मानना है कि व्यापारी वोट में सेंध लगाकर जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने सदर विधानसभा पर कब्जा किया है। जैकिशन साहू के विधायक बनने से व्यापारियों में सपा के प्रति आकर्षण बढ़ा है। वहीं दूसरे पक्ष का मानना है कि विधानसभा का चुनाव अलग होता है और नगरपालिका के चुनाव का अलग दृष्टिकोण होता है। इसीलिए सपा की पूर्व विधायक शादाब फातिमा और सपा के पूर्व मंत्री विजय मिश्रा भी भाजपा के विजयी रथ नगर पालिका में रोक नही पाये। स्व. रोहिणी कुमार मुन्ना, विनोद अग्रवाल, सरिता अग्रवाल ने अपने चुनावी मैनेजमेंट के चलते सपा के सपनों को चकनाचूर कर दिया। स्व. रोहिणी कुमार मुन्ना ने लगातार तीन बार अध्यक्ष पद पर कब्जा किया। विनोद अग्रवाल एक बार और सरिता अग्रवाल वर्तमान में नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज है। सपा के तत्कालीन प्रत्याशी दीनानाथ गुप्ता और प्रेमा सिंह के लाख प्रयास के बावजूद भी नगरपालिका गाजीपुर में समाजवादी साइकिल नही चल पायी। नगरपालिका गजीपुर के 2023 के चुनाव में 95597 मतदाता प्रत्याशी के भाग्य का फैसला करेंगे जिसमे से 51216 पुरुष और 44381 महिलाएं हैं। भाजपा के टिकट के दौड़ में सरिता अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, अर्जुन सेठ, संजीव गुप्ता, संतोष जायसवाल आदि प्रमुख नाम हैं। वहीं सपा से विवेक सिंह शम्मी, आमीर अली, डा. समीर सिंह, दिनेश यादव, अरुण श्रीवास्तव और बसपा से शरीफ राईनी और सुभाष चौहान का नाम प्रकाश में आ रहा है। अब देखना है कि सपा और बसपा किस प्रकार से रणनीति बनाती है जिससे कि भाजपा का 25 वर्षों से चला आ रहा विजय के तिलिस्म को रोक सके।