शिवकुमार
गाजीपुर। लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे चुनाव संग्राम में भाग लेने वाले भावी राजनैतिक योद्धा अपने-अपने दांव पर टिकट की बाजी को जीतने का भगीरथ प्रयास शुरु कर दिये हैं। इसी क्रम में राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी डा. सानंद सिंह ने भी समय को अवसर में बदलने का प्रयास शुरु कर दिया है। डा. सानंद सिंह भाजपा के कद्दावर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की माता के निधन पर उनके घर पहुंचे। मां के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि दी इसके बाद काफी देर तक भाजपा के दिग्गज नेता स्वतंत्रदेव सिंह से वार्ता किये। इस लंबी वार्ता की चर्चा सियासी गलियारों में तेजी से हो रही है। 2015-16 के निकाय एमएलसी चुनाव में डा. सानंद सिंह चुनाव लड़े थे लेकिन सपा के अंदर गुटबाजी के चलते उन्हे कुछ वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अपने लोगों के गद्दारी से मर्माहत डा. सानंद सिंह का मोह समाजवादी राजनीति से भंग हो गया अब वह समाजसेवा के माध्यम से जनता की सेवा करने का मन बनाया इसीलिए शहीदों के परिवार के सम्मान व पर्यावरण जागरुकता के लिए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा की। इस बीच सैकड़ों शहीद परिवारों का सम्मान किया तथा युवाओं में जागरुकता का संदेश दिया। अपने शिक्षण संस्थान में शहीद परिवार के बच्चे और गरीब परिवारों के सैकड़ों बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी। एकला चलो के रास्ते पर चलते हुए सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज के कैम्पस में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जिसमे साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया। अखिल भारतीय विद्र्यार्थी परिषद का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का अयोजन कराया। सियासी गलियारों में चर्चा है कि डा. सानंद सिंह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, अगर भाजपा पूर्वांचल के किसी भी हारी हुई सीट पर बाजी पलटने के लिए मौका देगी तो निश्चित ही वह अच्छा परिणाम दे सकते हैं, क्योंकि अपने निष्ठा, ईमानदार व मेहनत के बल पर शिक्षा और राजनीतिक जगत में अपना एक मुकाम बनाया है।