शिवकुमार
गाजीपुर। जिला पंचायत गाजीपुर एक बार फिर बेदाग साबित हुआ। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पूर्वांचल न्यूज डॉट काम को बताया कि जिला पंचायत गाजीपुर के टेंडर के बारे में हमने कोई भी पत्र किसी को नही लिखा है और न ही ऐसे कोई पत्र की जानकारी है। जिला पंचायत गाजीपुर के टेंडर के संदर्भ में हमे कोई इंट्रेस्ट भी नही है मैं इस बात की जांच करवा रहा हूं कि यह पत्र कहा से लिखा हुआ है और किसने लिखा है उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। ज्ञातव्य है कि हिंदी के एक बड़े दैनिक समाचार पत्र के शनिवार की सुबह एक सामाचार प्रकाशित हुआ जिसमें यह उल्लेख किया गया कि कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने जिला पंचायत गाजीपुर में विकास कार्यो में हुए टेंडर के संदर्भ में शासन को पत्र लिखा है, सामाचार प्रकाशित होने के बाद गाजीपुर में सियासी पारा गरम हो गया। जिला पंचायत अध्यक्ष के शुभचिंतको और विरोधियो में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। सुबह पूर्वांचल न्यूज डॉट काम ने इस संदर्भ में भाजपा के जिलाध्यक्ष भानूप्रताप से वार्ता किया तो उन्होने बताया कि हमारी कैबिनेट मंत्री ने वार्ता हुई है उन्होने बताया कि यह पत्र हमने नही लिखा है और नही इसके बारे में कोई जानकारी है। शनिवार की शाम को पूर्वांचल न्यूज डॉट काम की मोबाइल से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर से वार्ता हुई जिसपर अनिल राजभर ने कहा कि यह पत्र हमने नही लिखा है और न ही इसके बारे में कोई जानकारी है, मैं इसकी जांच कराऊंगा। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर का खण्डन आने के बाद एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष बेदाग साबित हुई और उनके विरोधी चारो खाने चित हो गये। ज्ञातव्य है कि इसके पूर्व में भी बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के लेटरपैड पर जिला पंचायत गाजीपुर के विकास कार्यो के संदर्भ में पत्र लिखा गया था, जिसको बाद सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने खण्डन करते हुए कहा था कि मैने यह पत्र नही लिखा है।