गाजीपुर। थाना क्षेत्र के उसरी चट्टी के पास मुख्तार अंसारी के काफिले पर हुए हमले के मामले में 21 वर्ष बाद मुख्तार अंसारी सहित पांच के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजी के आदेश पर हुई कार्रवाई के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 15 जुलाई 2001 को यूसुफपुर फाटक आवास से मऊ जाने दौरान हमलावरों ने उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला किया था। उसमें उनके सरकारी गनर सहित तीन लोग मारे गए थे, जबकि नौ लोग घायल हुए थे। हमले के दौरान बिहार के बक्सर जनपद के राजपुर थाना क्षेत्र के सगरांव गांव का मनोज राय भी मारा गया था। मुख्तार अंसारी ने उस मामले में माफिया बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह आदि को नामजद किया था। जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। केस में बाँदा जेल में बंद वादी मुख्तार अंसारी की गवाही होनी है, लेकिन हर तारीख पर कोई न कोई कारण से पुलिस प्रशासन मुख्तार की गवाही नहीं करा पा रहा। इसी बीच मृतक मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने अपने पुत्र की हत्या मुख्तार अंसारी व उनके सहयोगियों द्वारा किए जाने व उस समय उनका मामला पंजीकृत न किए जाने का दुखड़ा एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को लखनऊ जाकर सुनाई व कार्रवाई की मांग की। एडीजी के निर्देश पर शैलेंद्र राय की तहरीर पर पुलिस ने मुख्तार अंसारी,उनके चालक सुरेंद्र शर्मा, शाहिद,गौस मोइनुद्दीन और कमाल के खिलाफ धारा 147,148,149 व 302 का मामला पंजीकृत किया है। आरोप है कि घटना से एक दिन पहले मनोज राय को मुख्तार अंसारी गिरोह उसकी ससुराल गांव अवथही से उठा ले गया और हत्या कर दी गई। प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि मामला पंजीकृत कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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