गाजीपुर। पूर्वांचल में तीर्थस्थल का रूप ले चुके सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें महंत एवं जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानीनन्दन यति जी महाराज की रामहित यात्रा मनिहारी में सम्पन्न हुई। विगत नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह से शुरू अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान पीठाधिपति द्वारा आजमगढ़ और गाजीपुर जनपद के अनेक गांवों में प्रवास करते हुए पूजन-प्रवचन और गुरु दीक्षा के माध्यम से शिष्य श्रद्धालुओं को धर्मोपदेश दिया गया। हरिहरात्मक पूजन के उपरांत प्रवचन करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति ने कहा कि आज लोगों का जीवन काफी व्यस्तम हो गया है लेकिन इसमें कुछ समय निकालकर भगवान की पूजा आराधना करना अत्यंत ही श्रेयस्कर है। धरा धाम पर आने के बाद इंसान भगवान को भूल चुका है जो सर्वथा अनुचित है। मानव जीवन में पूजन-अर्चन का काफी महत्व है। ईश वंदना से व्यक्ति के मन का शुद्धिकरण और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मानव जीवन की सार्थकता सिद्ध करते हुए भगवत भजन जैसा उत्तम कार्य करें। उन्होंने संत और सत्संग के सानिध्य में रहने से अच्छे विचारों का सृजन होने की बात कहते हुए बताया कि मनुष्य के अंदर प्रेम, भक्ति, श्रद्धा और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना होना जरूरी है। गौरतलब है कि सनातन धर्म और सिद्धपीठ हथियाराम की प्राचीन संत परंपरा का निर्वहन करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज बीते पांच नवम्बर से आजमगढ़ के भिलिहली गांव से रामहित यात्रा शुरू कर शिष्य श्रद्धालुओं को धर्मोपदेश दे रहे थे। इस दौरान मनिहारी सहित आसपास के गणमान्यजन और काफी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे। करीब पचास से अधिक दम्पत्तियों ने महाराजश्री से गुरु दीक्षा लेकर शिष्यत्व ग्रहण किया।
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