गाजीपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 28 अक्तूबर से हो गई है। आज छठ पूजा का दूसरा दिन है। इसे खरना, शुद्धिकरण भी कहा जाता है। महिलाओं ने आज सुबह तीन बजे व्रत की शुरुआत की। कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मनाई जाएगी। श्रद्धालु साक्षात देव भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की गुहार लगाएंगे। 28 को नहाय खाय के साथ महापर्व का श्रीगणेश हुआ। 30 को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। 31 अक्तूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा। छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्तूबर को चतुर्थी तिथि में नहाय खाय से हो गई है। 29 अक्तूबर यानी पंचमी तिथि यानि आज महिलाएं खरना करेंगी। इस दिन सुबह से लेकर शाम तक महिलाएं व्रत रखती हैं और सूर्यास्त के बाद मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाकर व्रत खोलती हैं। तीसरे दिन 30 अक्तूबर को षष्ठी पर्व पर व्रत रखने वाले सायंकाल गंगा तट पर या किसी जल वाले स्थान पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। दूसरे दिन भोर में 31 अक्तूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण किया जाएगा। पं. मालवीय ने बताया कि षष्ठी तिथि 30 अक्तूबर को प्रात: काल 5.49 बजे लग रही है जो 31 अक्तूबर को प्रात: काल 3.27 बजे तक रहेगी। 30 अक्तूबर को सूर्यास्त शाम को 5.38 बजे होगा और 31 अक्तूबर को सूर्योदय प्रात: 6.32 बजे होगा। अरुणोदय काल में दूसरे अर्घ्य के बाद व्रत का पारण होगा।
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