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शहीदो की कुर्बानी को भूल गए जनप्रतिनिधि, आज तक नहीं बना नंदगंज में शहीद स्मारक

एम. खालिद शमीम

गाजीपुर। 18 अगस्त 1942 को नंदगंज क्षेत्र के लोग गांधी जी के करो या मरो के नारों के तहत अपने दिल मे आजादी का जज्बा लेकर कूद गए।उसमे सैकड़ों लोग शहीद हुवे लेकिन आज तक उनकी याद में स्मारक नही बना ,न 18 अगस्त को कोई आयोजन होता है इसे लेकर शहीद परिवार के परिजन के साथ क्षेत्र के लोगो अफसोस के साथ दुःख हैं।आजादी की लड़ाई को  अभी तक भूल नहीं पाए नंदगंज बरहपुर के  लोग ।भूले है तो बस जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण ।यहाँ के लोगो ने खून बहा कर आजाद कराया था।आजादी की कहानी लोगो  सुन के खड़े हो जाते हैं  यहां के लोगों के रोंगटे । शहीदों की याद में एक इंटर कॉलेज है जिसका नाम शहीद स्मारक है।जब उस विद्यालय में श्री  पंचदेव सिंह प्रधानाचार्य थे तो हमेशा 18 अगस्त को विद्यालय परिसर में शहीदो की याद में भब्य आयोजन कर श्रंद्धाजलि  देते थे।जब वह रिटायर्ड हो गये  तब से कोई भी आयोजन नही हुआ।आज भी लोग 18 अगस्त के दिन प्रधानाचार्य श्री पंचदेव सिंह को इस कार्ये हेतु याद करते है । अफसोस इस बात का है कि इसके बाद जो भी विद्यालय पर प्रधानाचार्य आये सभी  यहां के शहीदों की कुर्बानी को भूल गए  है ।ज्ञात हो कि शहीद स्मारक इंटर कालेज में के पूर्व प्रधानाचार्य श्री पंचदेव सिंह के संयोजक और क्षेत्रीय पत्रकारों के सहयोग से कवि सम्मेलन व मुशायरा शहीदों के याद मै होता था आज भी लोग पूर्व प्रधानाचार्य श्री पंचदेव सिंह को याद करते हैं। देश को आजाद कराने में बाबू भोला सिंह ,रामधारी पहलवान . डोमा लोहार व अन्य शहीदों को लोग याद तो करते हैं पर इन शहीदों कि धरती पर  कोई सुविधा नहीं है ।एक शहीद स्तंभ स्थानीय इंदिरा बालिका उ•मा•विद्यालय परिसर में है जिसमे स्वतंत्रता सेनानी का नाम लिखा था सभी मिट गए है सिर्फ जालंधर सिंह का नाम दिखाई दे रहा है। लेकिन वहां पर भी कोई आयोजन नही होता। स्टेशन है पर ट्रेने नहीं रुकती जबकि स्टेशन से लेकर शहीद स्मारक इंटर कॉलेज तक शहीद हुए जवानों की लाशें पड़ी थी यह सोच कर लोगों को अफसोस होता है कि नंदगंज बरहपुर के लोगों ने इतनी कुर्बानियां दी फिर भी आज बरहपुर नंदगंज  में कोई सुविधा नहीं है इसका अफसोस जनता को आज भी है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल वह पूर्व रेल राज्यमंत्री श्री मनोज सिन्हा द्वारा नंदगंज रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण व अन्य सुविधा करा देने के बाद भी यहां पर कोई ट्रेन नहीं रुकती हैं जिसका अफसोस यहां के शहीद परिवार वालों को होता है। मालूम हो कि नंदगंज एक औधोगिक क्षेत्र है  यहां पर शराब फैक्ट्री चीनी मिल पंखा फैक्ट्री अन्य प्रकार की दर्जनों फैक्ट्रियां हैं।उनके परिवार वालों को लखनऊ दिल्ली  अक्सर आना -जाना पड़ता  है ट्रेन के नही  रुकने की वजह से लोग अन्य साधन व अन्य स्टेशन पर जाकर रेलगाड़ियां पकड़ते हैं। बरहपुर ग्राम सभा के शहीद परिवार के लोग व मानिंद लोगों ने यहां ट्रेन रोकने कि मांग  एक अरसे से कर रहे हैं पर रेल मंत्रालय इन शहीद परिवार के लोगो कि मांग को नज़र अंदाज़ कर कर रहा हैं।जब कि कुछ माह पहले हस्ताक्षर अभियान चला कर पत्रक भी दिया गया था इसके बावजूद ट्रेन नही रुकी जिसका दुःख शहीद परिवार के लोगो के आखो में देखा जा सकता है। क्षेत्र के लोगो ने नंदगंज  में शहीदों की याद में एक शहीद स्तंभ बनाने की मांग सरकार से की है।

 

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