गाजीपुर। सरकार जनता की सुविधा को देखते हुए कई तेज रफ्तार की ट्रेन और एक्सप्रेस का संचालन कर रही है ताकि लोग आसानी से लंबी दूरी की यात्रा कर सके लेकिन शहीदों की धरती नंदगंज में सिर्फ डाउन में सद्भावना एक्सप्रेस का ठहराव है। क्षेत्र के लोगो ने भारत सरकार के रेल मंत्री से वाराणसी- गाजीपुर रेलखण्ड के बीच स्थित नन्दगंज रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव की माँग अर्से से कर रहे है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विदित हो कि एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव नही होने से लम्बी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं। बार बार मांग करने के बाद भी इस तरफ रेलवे के बड़े अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। नंदगंज रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेन से आसपास के करीब चार ब्लॉक देवकली,मनिहारी,करंडा और सदर के नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चारों ब्लाकों के नागरिकों के लिए मुख्य नंदगंज रेलवे स्टेशन है । यहां आकर ट्रेन पकड़ने के लिए बहुत आसानी है और इसका लाभ उक्त ब्लॉक के नागरिकों को मिल जाता। एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव करने लिए नंदगंज बाजार के जागरूक नागरिकों ने दो साल पूर्व हस्ताक्षर अभियान चलाकर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव हेतु पत्रक भी दिया गया था।उस पत्रक में दशार्या गया था कि वाराणसी बलिया रेल मार्ग पर दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो रहा है, लेकिन नन्दगंज रेलवे स्टेशन पर सिर्फ एक हफ्ते में चार दिन डाउन में सद्भावना एक्सप्रेस ठहराव होने के अलावा एक भी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नही हो रहा हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव नहीं होने के कारण लोगो को 20 किमी० दूर जिला मुख्यालय गाजीपुर या 25 किमी० दूर औड़िहार जंक्शन जाना पड़ता हैं। यात्रा में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और बच्चों के साथ सफर करने वाले लोगो को होती हैं। आसपास क्षेत्र के लोग हमेशा दिल्ली, मुम्बई,लखनऊ कोलकाता आदि जगहों की यात्रा करते रहते है। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नंदगंज में सुहेलदेव एक्सप्रेस, लखनऊ छपरा एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस एवं सद्भावना एक्सप्रेस का अप और डाउन में दो मिनट का ठहराव सुनिश्चित करने की मांग की गयी है। क्षेत्र के लोगो ने रेल मंत्री से मांग किया है कि शहीदों कि धरती नंदगंज रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनें रोकी जाए जिससे यहां के और आस पास क्षेत्र के लोगो को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
