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धूप, गर्मी, लू और होमियोपैथी – डा. एमडी सिंह

गाजीपुर। डा. एमडी सिंह सीएमडी, एमडी होमियो लैब प्राइवेट लिमिटेड महाराजगंज गाजीपुर ने बताया कि जून का महीना चल रहा है,  मानसून अभी आया नहीं ,धूप और गर्मी चरम पर हैं। हवा सूर्य के ताप से उत्तप्त होकर लू का रूप ले चुकी है। पारा करीब 40 से 44 डिग्री सेल्सियस तापमान के मध्य घूम रहा है। राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों के कई जिलों में यह इससे भी ऊपर दर्ज किया जा रहा है। यह तापमान सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है, ऊपर से धूप से गर्माई हवा लू लेकर घर के भीतर तक चली आ रही है।

धूप, गर्मी और लू से होने वाले उपद्रव :

1- त्वचा का सूखना, लाल होना और जलन महसूस होना।

2- सर दर्द और सुस्ती के साथ ज्वर का प्रकोप होना।

3- उल्टी, मिचली ,पेट दर्द और दस्त की शिकायत मिलना।

4- डिहाइड्रेशन के कारण मुंह सूखना, जल्दी-जल्दी प्यास लगना और बेचैनी महसूस होना।

5- पेशाब कम होना ,रुक-रुक कर थोड़ा-थोड़ा और जलन के साथ होना।

6- सांस लेने में तकलीफ और घुटन महसूस होना।

7- कार्य एवं सोचने समझने की क्षमता का घट जाना, अत्यंत निद्रा अथवा अनिद्रा की शिकायत करना।

8- हीट स्ट्रोक के कारण पहली अवस्था में अचानक तेज बुखार,असहनीय सर दर्द, घबड़ाहट, सुस्ती और बेहोशी।

9- हीट स्ट्रोक के दूसरी अवस्था में शरीर का ठंडा और शिथिल हो जाना, अतृप्त प्यास और अत्यधिक पसीने के साथ किडनी फेल्योर के कारण कोमा में चले जाना। यह अवस्था जीवन के लिए अत्यंत घातक है।

बचाव के उपाय :

1- भरसक घर से बाहर न निकला जाए।

2- घर से निकलना अनिवार्य हो जाए तो मोटे सूती कपड़े पहनकर एवं सर को अच्छी तरह ढक कर बाहर निकलें।

3- पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें एवं बिना पानी पिए बाहर न निकलें।

4- कोल्ड ड्रिंक की जगह छाछ, मट्ठा, दही, लस्सी, आम पुदीने से बना पन्ना, जलजीरा, नींबू पानी एवं नारियल पानी का सेवन करें।

5- नॉन वेज एवं मदिरा का सेवन एकदम न करें।

6- जो चने की सत्तू और प्याज का प्रयोग लाभदायक होगा।

7- हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।

8- मौसमी फलों तरबूज, खरबूज, खीरा ककड़ी लीची एवं बिना दवा के पकाए हुए आम का सेवन फायदेमंद रहेगा।

9- घर के आसपास वृक्षों को अवश्य लगाएं।

10- एसी, कूलर से बाहर निकलते समय पानी अवश्य पिएं एवं शरीर को अच्छी तरह ढक कर निकलें।

बचाव के लिए प्रयोग की जाने वाली होमियोपैथिक औषधियां :

नेट्रम कार्ब 200 एक खुराक धूप में जाने से पहले एवं ग्लोनोइन 30 एक खुराक धूप से वापस लौटने पर लेकर धूप, गर्मी और लू के प्रकोप से बचा जा सकता है।

लाक्षणिक होमियोपैथिक चिकित्सा :

ऐंटिम टार्ट, एलो सोको, एपिसोड मेल, आर्सेनिक एल्बम , बेलाडोना, ब्रायोनिया, कार्बो वेज, कैंथेरिस, इपिकाक , जेलसीमियम, ग्लोनोइन, लैकेसिस, नेट्रम म्यूर, नक्स वोमिका,ओपियम, फास्फोरस, रूबीनिया, सल्फर, वेरेट्रम एल्ब इत्यादि होम्योपैथिक औषधियां लक्षण के अनुसार धूप, गर्मी और लू से होने वाली व्याधियों के लिए होम्योपैथिक चिकित्सकों की राय पर लेकर आशातीत पूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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