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एक आदर्श ग्रंथ है रामचरित मानस- बाल व्यास कृष्णा शरण

गाजीपुर। नसीरपुर माऊपारा ग्राम मे आयोजित शिव पार्वती महायज्ञ के दॊरान वृन्दावन से आये हुए 14 वर्षीय बाल ब्यास कृष्णा शरण जी महाराज ने अपने संगीत मय प्रवचन के दॊरान कहा की रामचरित मानस एक आदर्श ग्रन्थ हॆ जो सारे विश्व मे पूज्य हॆ।इसके सभी पात्र आदर्श से परिपूर्ण हॆ।भाई से भाई,पिता पुत्र,सास बहूं,मित्र से मित्र,पति पत्नी का संबध कॆसा होना चाहिए। सम्पूर्ण शिक्षा मिलती हॆ।जो सभी जाति,धर्म,सम्प्रदाय के लोगो के लिए अनुकरणीय हॆ।सनातन धर्म की जङे गहरी हॆ।विदेशी ताकतों द्वारा हमला करने के बावजूद सनातन धर्म जिन्दा हॆ। आज मानव पश्चिमी सभ्यता की ओर भाग रहा हॆ जो पतन का कारण हॆ। बाल ब्यास ने कहा मानव जीवन बङे भाग्य से मिला हॆ जो देवताओं को भी दुर्लभ हॆ आज मिला हॆ कल मिलेगा या नही इसकी कोई गारंटी नही हॆ।चॊरासी लाख योनियों मे भटकने के पश्चात परमात्मा जीव को उध्दार के लिए मानव तन मे इस धराधाम पर भेजा हॆ ताकि भजन कर इस माया रुपी संसार सागर से पार हो सके परन्तु जीव इस धाराधाम पर आने के बाद भूल कर नाना प्रकार का कष्ट सहन करते हुए परमात्मा का दोष देता हॆ। जो समस्त दुःखो का मूल कारण हॆ।यज्ञशाला परिक्रमा मे भारी भीङ से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बन गया हॆ।प्रवचन नित्य सायं 6 बजे से रात्रिं 9 बजे तक चलता हॆ जिसकी पूर्णाहुति 06 जून को होगी कार्यक्रम के ब्यवस्थापक नायक यादव ने आये हुए लोगो के प्रति आभार ब्यक्त किया।

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