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त्रिभुवन विश्वविद्यालय से सहकारी आंदोलन को मिलेगा नया आयाम- संजय सिंह

गाजीपुर। देश में कोऑपरेटिव क्षेत्र के विकास और विस्तार को देखते हुए प्रशिक्षित मानव संसाधन की बहुत जरूरत है। त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय इस जरूरत को पूरा करने का कार्य करेगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कोऑपरेटिव क्षेत्र की जरूरत को ध्यान में रख कर त्रिभुवन सहकारिता विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की है। खानपुर में सहकारी समिति संग बैठक में पूर्व गन्ना समिति के चेयरमैन और यूपी हाफेड के निदेशक संजय सिंह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण, अनुसंधान और नेतृत्व विकास के लिए बहुपयोगी साबित होगा। इस विश्व विद्यालय से व्यक्तियों को सक्षम बनाने और सहकारी क्षेत्र में समावेशी व सतत विकास को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। श्वेत क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर सहकारिता विश्वविद्यालय उन्हें सम्मानित करने का अच्छा माध्यम है। यह संस्थान सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने और पेशेवर प्रबंधन को उन्नत करने में सहायक होगा। प्रशिक्षित श्रमबल के सहयोग से सहकारिता आंदोलन को गति देने का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा। यह देश का पहला सहकारिता विश्वविद्यालय होगा जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी। स्वरोजगार एवं लघु उद्यमिता का विकास के साथ ही नवाचार के नए मानक स्थापित होंगे। इस विश्व विद्यालय से सहकारी प्रबंधन, कृषि सहकारिता, मत्स्य पालन, दुग्ध उद्योग, ग्रामीण विकास, कृषि व्यापार जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ शिक्षा और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा। केंद्र सरकार का यह सार्थक पहल स्वागत योग्य है। इस विश्व विद्यालय के स्थापना से सहकारिता आंदोलन का स्वर्णिम युग उतर आएगा।

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