गाजीपुर। मुस्लिम समाज का हर शख्स अपनी पूरी जिंदगी में कम से कम एक बार हज करने की चाहत रखता है जिसमें से बहुत सारे लोगों की चाहत पूरी हो जाती है और बहुत सारे ऐसे भी लोग रहते हैं जो चाह कर भी हज की सआदत हासिल नहीं कर पाते ऐसे में गाजीपुर जिले की बात करें तो गाजीपुर जिले से इस बार तकरीबन 196 लोग हज के लिए जा रहे हैं, ऐसे ही हाजियों के लिए आज मदरसा दारुल उलूम कादरिया दाएरा शाह अहमद मोहल्ला टेढ़ी बाजार में उनके रुख़सती पर एक इस्तेकबलिया प्रोग्राम रखा गया, जहां पर शहरी इलाके से जाने वाले सभी हाजियों जिनकी तादाद करीब 26 है जिसमें से 13 मर्द और 13 ख़वातीन हैं उन्होंने शिरकत किया। रुख़सती के इस प्रोग्राम में खुसुसी तौर से हाजियों के लिए दुआएं की गईं और मुल्क की अमनो सलामती के लिए भी दुआएं की गईं, इस दौरान इस मुबारक सफर पर जाने वाले हाजियों को मदरसा की तरफ़ से फूल मलाऐं पेश करके उनका खैर मक़दम किया गया, रुखसती का यह प्रोग्राम इस क़दर ग़मनाक हो गया कि लोगों की आंखें नम हो गईं और सभी एक दूसरे से गले मिलकर उन्हें हज के मुबारक सफर की मुबारकबाद देते नज़र आए। मदरसा के प्रिंसिपल मौलाना काजी शाह फरीद अख्तर कादरी ने बताया कि यह लोग हज पर खान-ए- काबा और पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के रौजे़ की जियारत करने के साथ ही वह मुकद्दस काम के लिए जा रहे हैं जो इस्लाम में पांचवा सोतुन बताया गया है, इसलिए हम सभी ने इस मुबारक सफर पर जाने वाले हाजियों की खिदमत करते हुए इनसे दुआएं लेने के लिए इस तरीके का प्रोग्राम रखा है, साथ ही मुल्क की हिफाज़त और अमनो सुकून के लिए भी दुआएं करने को कहा है, प्रोग्राम के आखिर में मौलाना काजी शाह मोहम्मद अरशद उल कादरी की लिखी हुई मुबारकबादी मौलाना अहमद कादरी ने पढ़ा जिस पर हाजियों की आंखें नम हो गयीं। बताते चलें कि इस्लाम में हज एक ऐसी चीज है जब इसका नाम ही सुना जाता है तो आंखों से आंसू गिर जाता है ऐसे में जब यह लोग हज के सफर पर रवाना हो रहे हैं तो उसके पहले ही इनकी आंखों से आंसू गिरना और अपनी गुनाहों की माफी़ चाहना यह कोई तॶज्जुब की बात नहीं है। प्रोग्राम में बताया गया कि हम लोगों से जो जाने और अनजाने में गुनाह हो जाते हैं उन गुनाहों को धोने का यह एक ज़रिया है। इस प्रोग्राम में मुबारक सफर पर जाने वाले हाजियों के इलावा शहर के अच्छे खासे लोग मौजूद रहे, खासकर व्यापार मंडल के अध्यक्ष अबू फखर खान, उबैदुर रहमान सिद्दीकी, अतीक रईनी, शिब्लू एडवोकेट, शामिल खान, हाजी शहाबुद्दीन कादरी, हमीदुल्लाह, अंसार हुसैन, रईस अहमद राजू, फिरोज भाई, शमीम भाई, हंटर गाज़ीपुरी, अख्तर गाजीपुरी, साजिद गाज़ीपुरी आदि मौजूद रहे।
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