शिवकुमार
गाजीपुर। लोकसभा चुनाव में जीत को अपने पाले में रखने के लिए भाजपा हर राजनैतिक दांव को आजम रही है कि जिससे आने वाले चुनाव में उसका मिशन शत-प्रतिशत सफल हो। उत्तर प्रदेश में अति पिछड़े मतदाताओं को लामबंद करने के लिए केशव मौर्या के विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भी उन्हे प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया। लोकसभा चुनाव का अधिसूचना जारी होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं ऐसे में बिंद, निषाद को लामबंद करने के लिए विधानसभा चुनाव 2022 में पराजित पूर्व सहकारिता मंत्री को राज्यसभा भेजने का भाजपा ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आजादी के बाद पहली बार गाजीपुर जिले से भाजपा ने किसी को इतना बड़ा सम्मान दिया है कि पार्टी की तरफ से उन्हे राज्यसभा के लिए हरी झंडी दिया गया हो। चौहान और राजभर पहले से ही भाजपा के कतार में खड़े हैं। गाजीपुर जिले के सातों विधानसभा में करीब ढाई से तीन लाख बिंद, निषाद मतदाता हैं। जो पारम्परिक रुप से पहले बसपा के साथ थे अब 2014 से उनका झुकाव भाजपा की तरफ हो रहा था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सदर विधानसभा से डा. संगीता बलवंत को अपना उम्मीदवार बनाया था। सदर विधानसभा में डा. संगीता बलवंत ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल किया और योगी कैबिनेट में सहकारिता राज्य मंत्री भी बनीं। लेकिन 2022 के चुनाव में मात्र 1200 मतों से पराजित हो गयीं। राजनीति के शतरंज पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने गुणा-भाग करते हुए पूर्वांचल में बिंद निषाद को लामबंद करने के लिए डा. संगीता बलवंत को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। उनका नामांकन 14 फरवरी को लखनऊ में होगा। वहीं कुछ राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि संगीता बलवंत को राज्यसभा भेज कर भाजपा ने चुनाव से पहले बैकवर्ड प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग को पूरा कर सवर्ण प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए रास्ता खोल दिया है। वहीं जिले में चर्चा है कि किसी दिग्गज नेता को चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा ने फिल्डिंग लगानी शुरु कर दी है।