शिवकुमार
गाजीपुर। लावारीश लाशो का वारिश बनके उनकी चिंताओ की आग में अपने जीवन के लक्ष्य शांति व सुकुन को तलाशते है कुवंर वीरेंद्र सिंह। समाजसेवी कुंवर वीरेंद्र सिंह बेरोजगार है और बिना किसी एनजीओ और सरकारी सहयोग से अबतक 1450 लवारीश शवों का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस और डोमराजा के सहयोग से उनका अंतिम संस्कार किया है, 36 बार रक्तदान करके लोगो को जीवनदान दिया है, बेसहारो को दवा, भोजन उपलब्ध कराना उनकी आमदिनचर्या है। इस अनोखे समाजसेवा से धीरे-धीरे उनकी पहचान गाजीपुर से लखनऊ तक फैल गयी है जिससे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, जम्मू काश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शमीम अहमद, पूर्व अपर मुख्यसचिव अवनीश अवस्थी ने उनको सम्मानित करके उनके कार्यो का सम्मान किया है। कुंवर वीरेंद्र सिंह ने पूर्वांचल न्यूज डॉट काम को बताया कि यह कार्य वह अपने सुकुन शांति और सम्मान के लिए करते है, इस कार्य के लिए उनको शक्ति और पैसा कहा से मिलता है यह कुछ नही जानते है। उन्होने कहा कि आज तक इस कार्य के लिए किसी भी एनजीओ और सरकारी संस्थाओ ने उनका सहयोग नही किया है और न ही किसी से सहयोग लेने की इच्छा होती है, जब भी किसी लावारीश लाश हिंदू हो या मुसलमान उसका पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार करते है तो मन में एक अजीब सी शांति मिलती है कि जिसका कोई नही है उसके सहयोग के लिए ईश्वर ने हमे चुना है और शक्ति दी है, इसके लिए मैं ईश्वर का ऋणी हूं। उनहोने कहा कि किसी भी लक्ष्य के लिए पैसे की बहुत आवश्यकता नही होती है, पैसा केवल एक जरिया है लेकिन व्यक्ति की दृढ़निश्चय लक्ष्य के प्रति निष्ठा से कार्य करने पर निश्चित ही सफलता मिलती है। अब तक मैने 1450 लावारीश शवों का अंतिम संस्कार कराया है, 36 बार रक्तदान किया है, हजारो बेसहारो और वृद्धो का सरकारी अस्पतालो में दवा-इलाज करवाया है। उन्होने समाज के लोगो से आग्रह किया है कि वह भी बेसहारा व वृद्धो के प्रति हमदर्दी करते हुए उनकी मदद करें। उन्होने कहा कि हमें राजनीति में आने की कोई इच्छा है और न आगे करूंगा। जीवन के अंतिम क्षणों तक लावारीशो का वारिश बनकर सेवा करता रहूंगा।