शिवकुमार
गाजीपुर। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती के 68वें जन्मदिन की तैयारी जिले में जोरों पर है। 15 जनवरी जन्मदिन की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे बसपा से लोकसभा प्रत्याशी की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के नजदीकियों की चर्चा सरेआम होते ही बसपा में नये-नये दावेदारों की संख्या बढ़ने लगी है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी की बेटी की शादी में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, शिवपाल यादव ने जिस तरह से शिरकत किया और काफी समय तक निकाह में शामिल रहे उससे सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी कि पिछले वर्षों से चली आ रही सपा से अफजाल अंसरी की नजदीकियां सियासी पटल पर आ गयी है। बलिया में भी अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा कि जो आप लोग सोच रहे हैं वह सही है बस मुहर लगने की बात है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के द्वारा अंसारी परिवार पर सहमति जताने पर बसपा के थिंकटैंक भी प्रत्याशियों की संभावनाओं पर विचार करने लगे। इधर प्रदेश कार्यालय को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान ने दोनों नेताओं के बीच तल्खी बढ़ा दी है। प्रत्याशी के संदर्भ में बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गुलाब राम ने पूर्वांचल न्यूज डाट काम को बताया कि 2024 का लोकसभा चुनाव बसपा दमदारी से लड़ेगी। गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में लगभग पांच लाख यादव मतदाता हैं। अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए मुस्लिम के अलावा यादव पर भी पार्टी दांव लगा सकती है, हमारे यहां अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती जी का होता है जिसको वह प्रत्याशी बनाएंगी उसी को हमलोग कड़ी मेहनत करके जीतांगे। बसपा का गांव-गांव में कैडर कैम्प लगाने का युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। 2024 में बहन जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। बसपा सूत्रों के अनुसार सपा से अफजाल अंसारी की नजदीकियों को देखकर विगत वर्षों ही बड़े नेताओं ने उनसे किनारा कस लिया था। किसी भी बड़े कार्यक्रम में मंडल कोआर्डिनेटर इनको आमंत्रित नही करते थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला वक्त बतायेगा लेकिन सियासी गलियारों में बसपा गेमचेंजर के रुप में उभर रही है।