गाजीपुर। कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 ने देश के लोगो में बेचैनी बढ़ा दी है। देशभर में अब तक जेएन.1 के नए मामले सामने आए हैं। कोरोना यह नया वैरिएंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड और हाल ही में चीन सहित अलग-अलग देशों में इसकी मौजूदगी मिली है। अब इस फेहरिस्त में भारत का नाम भी जुड़ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को देख राज्यों के अस्पताल अलर्ट हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के. पॉल ने बुधवार को यह जानकारी दी। चिंता की बात यह है कि नए वैरिएंट की रफ्तार बढ़ने के साथ अचानक कोरोना के मामलों में भी तेज बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, लोगों के मन में कुछ सवाल हैं। वे जानना चाहते हैं कि नया वैरिएंट कितना खतरनाक है? जेएन.1 में क्या लक्षण दिखते हैं? जोकहां-कहां फैल चुका है जेएन.1 वैरिएंट?
कैसी है जेएन.1 से संक्रमित मरीजों की हालत?
वीके पॉल ने बताया है कि संक्रमण की चपेट में आए लोगों में से लगभग 91 से 92 फीसदी लोग घर पर ही ट्रीटमेंट का ऑप्शन चुन रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने बताया है कि भले ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन 92.8 फीसदी मामलों में घर पर ही इलाज हो रहा है जो हल्की बीमारी का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है। जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उन्हें अन्य बीमारियां थीं और उनमें कोविड का पता अचानक लगा।
क्या JN.1 अन्य कोरोना वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक या गंभीर है?
JN.1 BA.2.86 से जुड़ा है जो ओमिक्रॉन का एक वंशज है। पिछले साल गर्मियों में इसके कारण कोरोना के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दोनों वैरिएंट लगभग एक जैसे हैं। उनके स्पाइक प्रोटीन में बहुत मामूली अंतर है। स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा होता जो इसे मानव कोशिकाओं पर आक्रमण करने की इजाजत देता है। नया वैरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देने में ज्यादा असरदार है। इसका मतलब है कि इंफेक्शन होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्या हैं?
कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के लक्षणों में ये चीजें शामिल हैं:
बुखार
थकान
नाक बहना
गले में खराश
सिरदर्द
खांसी
कंजेशन
कुछ मामलों में स्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं
जेएन.1 पर मौजूदा वैक्सीन कितनी असरदार?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करने वाली वैक्सीन जेएन.1 वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी रहनी चाहिए। इसका मतलब यह हुआ है कि मौजूदा वैक्सीन जेएन.1 वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगी। यहीं कारण है कि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घबराने की बहुत जरूरत नहीं है। लेकिन, स्थितियों पर नजर जरूर रखना होगा।
जेएन.1 वैरिएंट से बचाव के लिए क्या-क्या करें?
त्योहारी सत्र से पहले देश में कोविड-19 के मामलों में हालिया बढ़ोतरी के बीच डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी है। जेएन.1 वैरिएंट को लेकर भी इन्हीं एहतियाती कदमों को उठाना है। ये एहतियाती कदम इस तरह हैं:
हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक धोना
साबुन-पानी न होने पर कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना
नाक और मुंह को मास्क से अच्छी तरह ढंकना
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