शिवकुमार
गाजीपुर। जिले में समाजवादी पार्टी के स्तंभ गुरुजी के नाम से विख्यात पूर्व ब्लाक प्रमुख रामनाथ यादव के आदमकद प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष, विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व एमएलसी, छोटे-बडे किसी भी नेता की उपस्थिति नहीं होने पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। रामनाथ यादव एक तेज-तर्रार गाजीपुर में समाजवादी पार्टी में एक थिंकटैंक माने जाते थे। मुलायम सिंह ने हमेशा उनका बडा सम्मान किया। समाजवादी पार्टी में उनके कार्यो की चर्चा जिले से लेकर राजधानी तक होती थी। तत्कालीन मंत्री व तत्कालीन सांसद उन्हे गुरुजी के नाम से सम्बोधित करते थे। लेकिन शनिवार को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जब अपने शिक्षक रामनाथ यादव के प्रतिमा का अनावरण किया और कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सर्वदलीय है। कुछ मामलों में दलगत भावना से उपर उठकर निर्णय लेना चाहिए। वहीं सांसद नीरज शेखर ने सपाइयों पर हमला करते हुए कहा कि जब रामनाथ जी जिंदा थे तब कुछ बड़े नेता लोग उनके आगे-पीछे लगे रहते थे। लेकिन आज उनके प्रतिमा के अनावरणा से गायब हैं। उन्होने कहा कि जो लोग नहीं आये हैं यहीं वह लोग हैं जो नहीं चाहते थे कि रामनाथ यादव का मूर्ति का अनावरण हो। इस संदर्भ में सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने बताया कि आयोजकों ने मूर्ति के कार्यक्रम अनावरण से सपा को हासिए पर रखा। एक पार्टी विशेष को प्रमुखता दी और उनके नेताओं व उनके पदाधिकारियों को महिमामंडित किया इसीलिए समाजवादी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली।