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सिद्धपीठ पर 750 वर्ष प्राचीन परंपरागत बुढ़िया माई भोग प्रसाद के लिए बरसात में देर रात तक जमे रहे श्रद्धालु

गाजीपुर जनपद स्थित 750 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर वर्ष भर में एक बार मिलने वाले अधिष्ठात्री देवी बुढ़िया माई (वृद्धम्बिका देवी) के भोग प्रसाद हलवा पूरी को पाने के लिए श्रद्धालु भारी बरसात के दौरान देर रात तक जमे रहे। जहां सिद्धपीठ के 26वें पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज द्वारा अपने हाथों से सभी श्रद्धालुओं को भोग प्रसाद “हलवा पूड़ी” वितरण किया गया।गौरतलब हो कि अध्यात्म जगत में एक तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित हो चुके सिद्धपीठ हथियाराम मठ की अधिष्ठात्री देवी बुढ़िया माई का विजयादशमी के पर्व पर हलवा पूरी से भोग प्रसाद लगाया जाता है। जिसको पाने के लिए देश के कोने-कोने से सिद्धपीठ से जुड़े सिर्फ श्रद्धालु आते हैं। इस दौरान सिद्धपीठ पर लगातार नौ दिनों तक शतचंडी महायज्ञ, लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के साथ ही अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। महानिशा महाअष्टमी की रात्रि के चारों प्रहर हवन यज्ञ के उपरांत विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन, शास्त्र पूजन, ध्वज पूजन, शक्ति पूजन, शिवपूजन के बाद शमी वृक्ष पूजन महामंडलेश्वर जी द्वारा वैदिक विद्वानों के साथ किया गया। तत्पश्चात बुधवार की शाम से साल भर में एक बार बटने वाला हलवा प्रसाद का वितरण शुरू हुआ। उसी समय बरसात भी शुरू हुई लेकिन श्रद्धालु देर रात तक कतारबद्ध होकर हलवा पुरी का प्रसाद लेते नजर आए। विशेष बात यह की 750 वर्ष प्राचीन परंपरा अनुसार आज भी बुढ़िया माई के भोग प्रसाद को वनवासी समुदाय द्वारा बनाए गए पत्तल में ही लपेटकर वितरित किया जाता है। जिसके लिए क्षेत्र के वनवासी समाज द्वारा महीनों पूर्व से बड़ी तादाद में पत्तल तैयार किए जाते हैं।

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