शिवकुमार
गाजीपुर। अति प्राचीन रामलीला लंका मैदान में आयोजित बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन के कार्यक्रम में सांसद अफजाल अंसारी की नामौजूदगी की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर रही। राजनीतिक पंडितों के अनुसार बसपा सांसद अफजाल अंसारी अपने राजनैतिक शतरंज के बाजी के हिसाब से साइकिल और हाथी की सवारी बदल-बदल कर लेते हैं। सांसद अफजाल अंसारी की बेटी की शादी में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और महासचिव शिवपाल यादव के शामिल होने पर जो चर्चा सुर्खियों में आयी थी आज उस चर्चा को और अधिक हवा लग गयी है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने अपना राजनैतिक करियर सरजू पांडेय की पार्टी कम्युनिष्ठ पार्टी से शुरु किया। इसके बाद मुलायम सिंह के साइकिल पर सवार हो गये। करीब पांच बार विधायक होने के बाद 2004 में सपा के साइकिल पर सवार होकर सांसद बन गये। लेकिन संसद में विश्वास मत हासिल करने के दौरान सपा का साथ न देने पर हासिए पर आ गये और हाथी पर सवार हो गये। 2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद इन्होने अपनी खुद की पार्टी बनायी और 2014 में कौमी एकता दल से बलिया से चुनाव लड़े लेकिन चुनाव हार गये। लगातार दो बार पराजित होने के बाद फिर बहन जी के शरण में गये और बसपा में शामिल हो गये। 2019 के चुनाव में बसपा के टिकट पर गठबंधन से चुनाव लड़े और सांसद निर्वाचित हुए। बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाराणसी और मिर्जापुर के कोआर्डिनेटर इंदल राम ने बताया कि पार्टी के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम के लिए सभी को आमंत्रित किया था। सांसद अफजाल अंसारी कार्यक्रम में नही आये यह उनका व्यक्तिगत मामला है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी की बार-बार हाथी और साइकिल की सवारी करने की चर्चा आज पूरे जनपद में जोरों पर था कि इस बार अफजाल अंसारी का दांव गाजीपुर लोकसभा चुनाव 2024 में जनता के अखाड़े में कितना सही साबित होगा।