गाजीपुर। जिला पंचायत सभागार में जिला सहकारी सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतींद्र कुमार सिंह( उप कृषि निदेशक,गाजीपुर) सरोजेश सिंह (अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक),कैलाश चंद (सचिव जिला सहकारी बैंक), जसवीर सिंह (उप महाप्रबंधक ,इफको लखनऊ), जीपी तिवारी( मुख्य प्रबंधक,कृषि सेवाएं ,इफको लखनऊ) अंसल कुमार ( सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक,सहकारिता ,गाजीपुर) रहे तथा जनपद स्तरीय अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारी गणों द्वारा जनपद के समस्त सहकारी समितियों के सचिवों ,अध्यक्षों प्रगतिशील किसानों के बीच नैनो डी ए पी का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक द्वारा नैनो यूरिया को बढ़ावा देते हुए रासायनिक यूरिया को कम करने का आग्रह किया गया। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष द्वारा सहकारी समितियों को नैनो यूरिया व नैनो डी ए पी को किसानों के बीच पहुंचाने के लिए कहा गया क्योंकि समिति ऐसी जगह है जहां से छोटे से छोटा किसान जुड़ा है। सहायक आयुक्त सहकारिता द्वारा कार्यक्रम में आए समस्त सदस्यों का स्वागत करते हुए नैनो उर्वरकों को सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदर्शन द्वारा किसानों के बीच पहुंचाने का कार्य करने का आग्रह किया गया। इफको लखनऊ से आए उप महाप्रबंधक व मुख्य प्रबंधक द्वारा रासायनिक यूरिया के नुकसान को बताते हुए तथा नैनो यूरिया के लाभ,विशेषताएं प्रयोग विधि के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया 500ml की बोतल 225 रुपए में किसानों को उपलब्ध हो रही है जबकि यूरिया के एक बैग की कीमत 266 50 पैसे है और यदि उसमें सरकार द्वारा सब्सिडी जोड़ दी जाए तो यूरिया की एक बैग की कीमत लगभग ₹2300 होती है जिससे देश को अरबों रुपए की सब्सिडी से आर्थिक नुक़सान होता है साथ ही साथ परंपरागत यूरिया के प्रयोग से मिट्टी जल एवं वायु तीनों प्रदूषित होते हैं जबकि नैनो यूरिया पूरी तरह से पर्यावरण के लिए सुरक्षित है उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया के रखरखाव एवं लाने ले जाने में भी कोई अतिरिक्त नहीं करना पड़ता उन्होंने यह भी बताया कि बहुत जल्द ही जनपद में नैनो डीएपी किसानों के लिए उपलब्ध हो जाएगी जिसकी क़ीमत प्रति बोतल ₹600 होगी जो परंपरागत डीएपी से आधे दाम से कम में उपलब्ध होगी ।नैनो डीएपी को दो बार में प्रयोग करना है। प्रथम बार बीज शोधन के लिए 5 ml प्रति kg बीज की दर सें या जड़ शोधन करने के लिए 3 से 5 ml नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी घोल बनाकर सोधित करके बुवाई करे तत्पश्चात बुवाई के 35 दिन के बाद 2 से 4 ml प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर खड़ी फसल में छिड़काव करे। इस दौरान कार्यक्रम में जनपद के समस्त सहकारी समिति के सचिव,अध्यक्ष सहित 180 लोग उपस्थित रहे।
