गाजीपुर। सनातन धर्म के चार प्रमुख पर्वों में दीपावली का प्रमुख स्थान है। इसे कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर की शाम 5.04 बजे लग रही है, जो 25 की शाम 5.04 बजे तक रहेगी। ऐसे में इस बार दीप ज्योति पर्व दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दीपावली पर पूजन का प्रमुख काल प्रदोष काल माना जाता है। इसमें स्थिर लग्न की प्रधानता विशेष होती है। बीएचयू के ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष प्रो. गिरिजा शंकर शास्त्री के अनुसार दीपावली का प्रमुख पूजन मुहूर्त 24 अक्टूबर को वृष लग्न में शाम 6.55 बजे से रात 8.51 बजे और सिंह लग्न में रात 1.27 से 3.37 बजे के बीच है। प्रदोष बेला में 5.38 से 8.40 बजे तक दीपदान का शुभ योग रहेगा। ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार दीपावली पर चंद्रमा का कन्या व गुरु बृहस्पति का संचरण मीन राशि पर रहेगा। यह योग ज्योतिष में आर्थिक समृद्धि के लिए प्रमुख होता है। बृहस्पति-चंद्रमा की सम सप्तम दृष्टि गज केशरी के समान समृद्धि फल देती है। अमावस्या में बंगीय समाज के लोग निशिथ काल में मां काली का पूजन करते हैं। रात 11.30 से 12.30 बजे तक का समय काली पूजन के लिए सर्वोत्तम है।
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