गाजीपुर। एमएएच इंटर कालेज के प्रांगण में सर सैय्यद दिवस के रुप में बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में प्रार्थन सभा के बाद कालेज के प्रधानाचार्य मो. खालिद अमीर ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज से 205 वर्ष पूर्व भारत की सरजमी पर महान दार्शनिक, दूरदर्शी, समाज सुधारक एवं आधुनिक शिक्षा के प्रणेता सैय्यद अहमद खां का जन्म 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली में हुआ। होगा कहीं फलक पर वह खुर्शीद जलवागर, कहते हैं आफताब कभी डूबता नहीं। प्रधानाचार्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि सर सैय्यद ने 1857 की क्रांति देखी जिसमे हजारों की संख्या में दिल्ली से मेरठ तक हिंदू-मुसलमान की लाशें पेड़ों पर लटकी हुई थी जिसमे उनके अपने घर के लोग और रिश्तेदार शामिल थे। इस वीभित्सिका को देखकर सर सैयद की आत्मा बेचैन हो गयी और इस पर उन्होने बहुत अधिक आत्म चिंतन किया जिसमे उनके पास दो रास्ते थे, एक यह कि अंग्रेजों के विरुद्ध लड़कर मर जाना, दूसरा यह कि अंग्रेजों की तरह आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा ग्रहण करके अंग्रेजों को पछाड़ते हुए उनसे आगे बढ़ जाना ताकि वे खुद व खुद भारत को छोड़कर भाग खड़े हों। उन्होने दूसरा रास्ता चुना जिसके परिणाम स्वरुप उन्होने 1864 में गाजीपुर में साइंटिक सोसाइटी और विक्टोरिया कालेज वर्तमान में जीजीआईसी की स्थापना की। इस सोसाइटी का उद्देश्य विज्ञान एवं आधुनिक शिक्षा को भारतीय भाषाओं में अनुवाद करके प्रकाशित करना एवं शोध कार्य करना। प्रधानाचार्य ने बताया कि जिस प्रकार हम गांधी जयंती, शिक्षक दिवस व बाल दिवस मनाते हैं उसी प्रकार हमें आधुनिक भारत की नींव रखने वाले विज्ञान एवं आधुनिक शिक्षा परबहुत अधिक बल देने वाले महान समाज सुधारक एवं हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक सर सैयद अहमद खां की भी जयंती पूरे भारत में मनानी चाहिए। विज्ञान एवं आधुनिक शिक्षा पर जोर देने के लिए उन्होने 1875 में अलीगढ़ में मुस्लिम एग्लो-ओरियंटल कालेज की स्थापना की जो आगे चलकर 1920 में अलीगढ़ विश्वविद्यायल के रुप में विश्व विख्यात हुआ और इसकी रोशनी से पूरा विश्व जगमगा रहा है। सर सैयद दिवस के अवसर पर शाम को कालेज के सर सैयद हाल में एक संगोष्ठि का आयोजन किया गया। जिसमें सदर विधायक जैकिशन साहू ने मुख्य अतिथि के रुप में अपने संबोधन में कहा कि यदि आपसी भाईचारा को खूब बढ़ाया गया होता तो आज देश में इतना नफरत न फैलती। उन्होने कहा कि देश के बच्चों को शिक्षा रुपी रोशनी का दूध पिलाकर साम्प्रदायिक शक्तियों के समक्ष दहाड़ने के लिए तैयार किया जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि सदर तहसीलदार देवेंद्र जी ने कहा कि सर सैयद के सम्पूर्ण जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और सर सैयद के मिशन को भारत की आवश्यकता कगार दिया। इस अवसर पर कालेज में निबंध लेखन एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे प्रथम स्थान शुभम यादव 12ए को एक हजार, द्वितीय स्थान प अजय कुमार बिंद व साहिल अंसारी को आठ सौ तथा तृतीय स्थान मो. नैयर को छह सौ नकद राशि व प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के उप प्रबंधक तनवीर अहमद खां, तथा संचालन उर्दू अध्यापक डा. लईक अहमद सिद्दीकी ने किया।
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